इस ज्योतिर्लिंग का है भगवान राम से गहरा रिश्ता, ये हैं दक्षिण का काशी!
Rameswaram Jyotirlinga: भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का भगवान राम से गहरा संबंध है। इसका उल्लेख पवित्र ग्रंथ रामायण (Holy Book Ramayana) में मिलता है। यह माना जाता है कि यहां आने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। रामेश्वरम, जो तमिलनाडु के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, न केवल हिंदू धर्म में बल्कि पूरे भारत में श्रद्धालुओं के लिए खास महत्व रखता है।
मदुरई से कुछ सौ किलोमीटर दूर और मन्नार की खाड़ी के पास स्थित यह स्थान अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक (Religious, cultural and historical) महत्व के कारण वर्षभर तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। यह चार धामों में से एक धाम है और इसे दक्षिण की काशी के रूप में जाना जाता है।
रामायण में रामेश्वरम का उल्लेख
रामेश्वरम का उल्लेख रामायण में मिलता है। यह वह स्थान है जहां भगवान राम ने लंका जाने से पहले भगवान शिव की पूजा की थी। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने राम सेतु (Ram Setu) का निर्माण वानरों की सेना की मदद से समुद्र पर किया था ताकि लंका पहुंचा जा सके। मंदिर के गर्भगृह में जो शिवलिंग है, उसे देवी सीता ने अपने हाथों से बनाया था।
शिवलिंग की स्थापना के पीछे यह कथा है कि रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने ब्रह्महत्या के दोष से मुक्त होने के लिए भगवान शिव की पूजा की।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का महत्व
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत के हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से आत्मा को शांति मिलती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
पम्बन ब्रिज: एक इंजीनियरिंग चमत्कार
रामेश्वरम का पम्बन ब्रिज न केवल एक पुल है बल्कि एक अद्भुत इंजीनियरिंग का उदाहरण भी है। यह भारत का पहला समुद्री पुल था, जो 1914 में खोला गया। पम्बन ब्रिज मुख्य भूमि को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। यह रेल और सड़क यातायात का प्रमुख माध्यम है और समुद्र के ऊपर स्थित इसका दृश्य बेहद खूबसूरत होता है।
धनुषकोडी बीच की सुंदरता
रामेश्वरम के दक्षिणी सिरे पर स्थित धनुषकोडी बीच प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक स्वर्ग है। मन्नार की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित यह बीच अनोखे दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान सर्दियों में प्रवासी पक्षियों जैसे राजहंस और गल्स का घर बन जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य धनुषकोडी बीच को और खास बनाते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का घर
रामेश्वरम महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मस्थान भी है। उनका घर अब एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है, जहां उनकी यादें संजोई गई हैं। यहां आप उनकी जीवन की कई वस्तुएं और तस्वीरें देख सकते हैं।
पंचमुखी हनुमान मंदिर
रामेश्वरम में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर (Panchmukhi Hanuman Temple) भगवान हनुमान के पांच मुख वाले स्वरूप को समर्पित है। यहां भगवान हनुमान की सिंदूर से सजी मूर्ति है। इसके अलावा भगवान राम और सीता की मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं। इस मंदिर का आध्यात्मिक महत्व भक्तों के बीच बहुत अधिक है।
राम सेतु या आदम का पुल
रामेश्वरम से जुड़े प्रमुख स्थलों में राम सेतु का नाम विशेष रूप से लिया जाता है। यह पुल भारत के पम्बन द्वीप को श्रीलंका के मन्नार द्वीप से जोड़ता है। भूवैज्ञानिक साक्ष्यों के अनुसार, यह एक प्राकृतिक चूना पत्थर (Natural Limestone) श्रृंखला है।
रामायण के अनुसार, यह पुल भगवान राम ने वानरों की सहायता से बनाया था।
अग्नितीर्थम में स्नान
रामेश्वरम में अग्नितीर्थम एक पवित्र स्थान है। यहां स्नान करने से व्यक्ति पवित्र हो जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है।
इस स्थान पर भगवान राम ने शिवलिंग की स्थापना से पहले समुद्र में स्नान किया था।
रामेश्वरम: दक्षिण भारत की काशी
जिस तरह उत्तर भारत में काशी का महत्व है, उसी तरह दक्षिण भारत में रामेश्वरम का महत्व है। यहां का वातावरण भक्तिमय होता है और पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहती है।
परिवार और दोस्तों के साथ इस धार्मिक स्थान की यात्रा आत्मा को शांति देती है।
रामेश्वरम सिर्फ एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि इतिहास, धर्म और प्रकृति (History, religion and nature) का संगम है। यहां हर स्थान पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों से जुड़ा है। समुद्र की लहरों के बीच, भगवान राम और शिव की भक्ति का यह स्थान हर किसी के लिए खास अनुभव प्रदान करता है।
FAQs
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का क्या महत्व है?
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला स्थान माना जाता है।
पम्बन ब्रिज क्यों खास है?
पम्बन ब्रिज भारत का पहला समुद्री पुल है, जो अपनी अनोखी इंजीनियरिंग और खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
राम सेतु का पौराणिक महत्व क्या है?
राम सेतु वह स्थान है जहां भगवान राम ने लंका जाने के लिए पुल का निर्माण किया था।
धनुषकोडी बीच क्यों प्रसिद्ध है?
धनुषकोडी बीच अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समुद्री सर्फिंग और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है।
रामेश्वरम में घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
नवंबर से फरवरी का समय रामेश्वरम घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस समय मौसम सुहावना होता है।