The Hindu Temple

51 शक्तिपीठों में से एक है कुंजापुरी माता मंदिर, यहां सिर्फ पेड़ पर कलावा बांधने से होती इच्छा पूरी !

Kunjapuri Mata Temple: देवभूमि उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश, जिसे योग की राजधानी (Yoga Capital) के रूप में जाना जाता है, न केवल योग साधना के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह प्राचीन मंदिरों का भी केंद्र है। इन्हीं प्राचीन और पवित्र स्थलों में से एक है कुंजापुरी माता मंदिर।

Kunjapuri mata temple
Kunjapuri mata temple

51 शक्तिपीठों में से एक है कुंजापुरी माता मंदिर

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंजापुरी देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर के महंत रामेश्वर गिरी जी बताते हैं कि यह मंदिर न केवल प्राचीन मंदिरों में गिना जाता है, बल्कि इसका इतिहास भी बेहद रोचक और पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मंदिर के पास स्थित एक विशेष पेड़ पर कलावा (मौली) बांधते हैं, जिससे उनकी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

कुंजापुरी देवी मंदिर का पौराणिक इतिहास

इस मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन कथा काफी प्रसिद्ध है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव (Lord Shiva) जब माता सती के वियोग को सहन नहीं कर सके, तो वे अत्यंत क्रोधित होकर माता के शव को लेकर तांडव करने लगे। उनके इस तांडव से पूरे ब्रह्मांड में प्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।

सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र (Sudarshan Chakra) से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए। माता सती के शरीर के अंग और उनके आभूषण 51 स्थानों पर गिरे, जहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई।

क्यों खास है कुंजापुरी माता मंदिर?

महंत रामेश्वर गिरी जी बताते हैं कि इस स्थान पर माता सती के शरीर का ऊपरी भाग (कुंजा) गिरा था, इसलिए इसे शक्तिपीठ माना जाता है और इसे “कुंजापुरी देवी मंदिर” के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को “कुंचा देवी मंदिर” भी कहा जाता है।

कुंजापुरी मंदिर जाने का सही समय और दूरी

अगर आप ऋषिकेश घूमने आए हैं या आने की योजना बना रहे हैं, तो कुंजापुरी देवी मंदिर के दर्शन अवश्य करें। यह मंदिर ऋषिकेश से लगभग 25 किलोमीटर और नरेंद्र नगर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप आसानी से अपने निजी वाहन या टैक्सी से यहां पहुंच सकते हैं।

आस्था और श्रद्धा के इस अद्भुत संगम (Amazing confluence) का अनुभव करने के लिए, कुंजापुरी माता मंदिर जरूर जाएं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कलावा बांधकर देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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