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लवणासुर कौन था? जानिए उसे कैसे मिला महादेव का अमोघ त्रिशूल

लवणासुर की कथा: एक भयंकर राक्षस

त्रेतायुग में अनेक भयानक राक्षसों का जन्म हुआ, जिनमें से अधिकतर महादेव के भक्त थे और कई रावण के वंश से संबंध रखते थे। लवणासुर भी ऐसा ही एक क्रूर राक्षस था, जिसका सीधा नाता लंकापति रावण के परिवार से था।

Lavanasura
Lavanasura

वाल्मीकि कृत रामायण के उत्तर कांड में लवणासुर (Lavanasura) का विस्तृत वर्णन मिलता है। लवणासुर के पिता का नाम मधु था, जो एक शक्तिशाली असुर था, जबकि उसकी माता कुम्भिनी राक्षसी वंश की थी। कुम्भिनी का लंकापति रावण से गहरा संबंध था, क्योंकि वह उसकी सौतेली बहन थी।

लवणासुर की उग्रता और शक्ति

स्वभाव से लवणासुर रावण से भी अधिक उग्र और अहंकारी था। उसका राज्य मधुपुरी (जो वर्तमान में मथुरा से लगभग साढ़े तीन मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित है) में था। यह क्षेत्र मधुवन ग्राम के नाम से भी जाना जाता है, जहां आज भी लवणासुर की गुफा स्थित है।

लवणासुर भी अपने मामा रावण की भांति महादेव का घनिष्ठ भक्त था। उसने कठोर तपस्या (harsh penance) कर महादेव से अमोघ त्रिशूल प्राप्त किया था। इस त्रिशूल की शक्ति के बल पर उसने भगवान श्रीराम के पूर्वज, चक्रवर्ती सम्राट यौवनाश्व मांधाता से उनका राज्य छीन लिया था।

लवणासुर की राक्षसी उपासना और क्रूरता

लवणासुर अपने मामा रावण की तरह अत्यंत क्रूर और निर्दयी था। वह रुद्र की राक्षसी उपासना करता था और पशुओं, मनुष्यों तथा ब्राह्मणों की बलि दिया करता था। वैदिक यज्ञ करने वाले ऋषियों के लिए वह किसी काल से कम नहीं था।

उसकी क्रूरता से त्रस्त होकर देवताओं ने भगवान श्रीराम से प्रार्थना की। तब श्रीराम ने अपने छोटे भाई शत्रुघ्न को लवणासुर के वध का आदेश दिया।

शत्रुघ्न और लवणासुर का भयंकर युद्ध

शत्रुघ्न जब लवणासुर से युद्ध करने निकले, तो उन्होंने मार्ग में महर्षि वाल्मीकि (Maharishi Valmiki) के आश्रम में विश्राम किया। इसके बाद उन्होंने कई दिनों तक भयंकर युद्ध किया और लवणासुर को न केवल पराजित किया, बल्कि उसका वध भी किया।

लवणासुर के वध के बाद शत्रुघ्न ने मथुरा नगरी का पुनर्निर्माण किया, जो आगे चलकर भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र नगरी बनी।

लवणासुर सरोवर (लोणार झील) का रहस्य

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित लोणार सरोवर विश्व प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इसी स्थान पर शत्रुघ्न ने लवणासुर का वध किया था, इसलिए प्राचीन काल में इसे लवणासुर सरोवर कहा जाता था। कालांतर में यह लोणार झील के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

लवणासुर एक अत्यंत क्रूर और शक्तिशाली असुर (Extremely cruel and powerful demon) था, जिसने महादेव की भक्ति से अमोघ त्रिशूल प्राप्त किया और अपने अत्याचारों से देवताओं और ऋषियों को भयभीत कर दिया। अंततः भगवान श्रीराम के आदेश पर शत्रुघ्न ने उसका संहार किया और मथुरा का पुनर्निर्माण किया।

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