भगवान विष्णु के 24 अवतार: जानिए दशावतार और अन्य अवतारों की जानकारी
भगवान विष्णु: सनातन धर्म के अनुसार, भगवान ब्रह्मांड को त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के रूप में संचालित करते हैं। पृथ्वी, जिसे मृत्युलोक कहा जाता है, पंचतत्वों (थल, जल, वायु, आकाश और अग्नि) से युक्त है। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा था, “मैं ही ईश्वर हूं और जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब मैं अवतार लेता हूं।”
भगवान विष्णु के अवतार
श्रीमद्भागवत पुराण (Shrimad Bhagwat Purana) में भगवान विष्णु के 22 अवतारों का वर्णन मिलता है, जबकि कुछ अन्य धर्मग्रंथों में 24 अवतार बताए गए हैं। इनमें से दशावतार (दस प्रमुख अवतार) विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। गरुड़ पुराण में उल्लिखित ये दस अवतार निम्नलिखित हैं—
मत्स्य अवतार
कूर्म अवतार
वराह अवतार
नरसिंह अवतार
वामन अवतार
परशुराम अवतार
श्री राम अवतार
श्री कृष्ण अवतार
बुद्ध अवतार
कल्कि अवतार (यह अवतार भविष्य में कलियुग के अंत में होगा)
भगवान विष्णु के 24 अवतार
सनकादि मुनि – सनक, सनंदन, सनातन और सनत्कुमार चार कुमार मुनि, ब्रह्माजी से प्रकट हुए।
मत्स्य अवतार – पृथ्वी को जल प्रलय से बचाने के लिए लिया गया अवतार।
नारद मुनि – ब्रह्माजी के मानस पुत्र।
नर-नारायण – धर्म और रुचि के पुत्र, जिन्होंने तपस्या द्वारा धर्म की रक्षा की।
कपिल मुनि – सांख्य योग के प्रवर्तक।
दत्तात्रेय – ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त अवतार।
कूर्म अवतार – समुद्र मंथन में मंदराचल पर्वत को स्थिर रखने के लिए कछुए के रूप में अवतार लिया।
धनवंतरि – समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए, जिन्होंने आयुर्वेद का ज्ञान दिया।
मोहिनी अवतार – देवताओं को अमृत पिलाने के लिए लिया गया अवतार।
यज्ञ अवतार – यज्ञों की रक्षा के लिए अवतार लिया।
आदिराज पृथु – पृथ्वी का दोहन कर कृषि का ज्ञान देने वाले अवतार।
वराह अवतार – हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकालने के लिए लिया गया अवतार।
नरसिंह अवतार – हिरण्यकशिपु का वध कर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की।
हयग्रीव अवतार – वेदों की रक्षा करने के लिए यह अवतार लिया।
वामन अवतार – राजा बलि से तीन पग में संपूर्ण ब्रह्मांड लेकर इंद्रलोक की रक्षा की।
श्री हरि – धर्म की रक्षा के लिए अवतरित हुए।
परशुराम अवतार – अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर क्षत्रियों का संहार किया।
वेदव्यास – चारों वेदों का संकलन करने वाले महर्षि।
ऋषभदेव – जैन धर्म के पहले तीर्थंकर।
हंस अवतार – सनकादि मुनियों को ज्ञान प्रदान किया।
श्री राम अवतार – त्रेता युग में जन्मे, मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में पूज्य।
श्री कृष्ण अवतार – 16 कलाओं से युक्त, संपूर्ण अवतार माने गए।
बुद्ध अवतार – अहिंसा का प्रचार करने वाले और बौद्ध धर्म के संस्थापक।
कल्कि अवतार – यह अवतार कलियुग के अंत में पापियों का संहार करेगा।
भगवान विष्णु के ये 24 अवतार सृष्टि के विभिन्न कालों में धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश के लिए अवतरित हुए हैं।