कौन हैं मां लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी? क्यों नहीं की जाती है उनकी पूजा?
Alakshmi: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी कृपा से जीवन में सुख, शांति और आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि मां लक्ष्मी की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनका नाम अलक्ष्मी है। देवी अलक्ष्मी को दरिद्रता, अशुभता और कलह (Poverty, misfortune and strife) की देवी माना जाता है। उनका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में मिलता है, लेकिन उनकी पूजा नहीं की जाती। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं।
समुद्र मंथन से उत्पन्न हुईं अलक्ष्मी
पौराणिक कथा के अनुसार, देवी अलक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। मंथन से कई रत्नों और दिव्य वस्तुओं के साथ अलक्ष्मी का भी प्राकट्य हुआ। जहां मां लक्ष्मी शुभता और समृद्धि (Lakshmi Auspiciousness and Prosperity) का प्रतीक हैं, वहीं अलक्ष्मी अशुभता और दरिद्रता की प्रतीक मानी जाती हैं।
मां अलक्ष्मी अपने साथ मदिरा लेकर अवतरित हुईं और समुद्र से उत्पन्न होने के कारण उन्हें लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा गया। देवी अलक्ष्मी का विवाह उद्दालक मुनि के साथ हुआ।
अलक्ष्मी का आश्रम में प्रवेश से इनकार
जब उद्दालक मुनि ने विवाह के बाद अलक्ष्मी को अपने आश्रम लाने का प्रयास किया, तो देवी ने वहां प्रवेश करने से मना कर दिया। मुनि के कारण पूछने पर अलक्ष्मी ने कहा कि वे केवल गंदे, अशुभ और झगड़ालू (unlucky and quarrelsome) स्थानों पर निवास करती हैं। जहां लोग स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते, गंदे कपड़े पहनते हैं और अधर्म का आचरण करते हैं, वही उनके रहने के स्थान हैं।
इसके विपरीत, जहां स्वच्छता, पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्य होते हैं, वहां उनकी बहन मां लक्ष्मी निवास करती हैं।
अलक्ष्मी को तीखी और खट्टी वस्तुएं प्रिय
देवी अलक्ष्मी को तीखी और खट्टी वस्तुएं जैसे नींबू और मिर्ची (Lemon and chilli) अत्यधिक प्रिय हैं। इसी कारण से घर और दुकान के बाहर नींबू-मिर्ची लटकाने की परंपरा प्रचलित है। माना जाता है कि इससे अलक्ष्मी दरवाजे पर ही संतुष्ट होकर लौट जाती हैं और घर के अंदर प्रवेश नहीं करतीं।
अलक्ष्मी और आर्थिक परेशानियां
ऐसा माना जाता है कि अगर मां लक्ष्मी की पूजा के बावजूद किसी व्यक्ति के जीवन में आर्थिक तंगी बनी रहती है, तो इसका कारण अलक्ष्मी का प्रभाव हो सकता है। इस स्थिति में, देवी लक्ष्मी से प्रार्थना की जाती है कि वे अपनी बहन अलक्ष्मी को दूर रखें और अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखें।
समुद्र मंथन और अलक्ष्मी का उल्लेख
भागवत महापुराण (Bhagavata Mahapuran) में समुद्र मंथन के दौरान अलक्ष्मी का उल्लेख मिलता है। मंथन से पहले अलक्ष्मी और बाद में लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ। अलक्ष्मी ने आसुरी शक्तियों का वरण किया, जबकि लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपना साथी चुना।
अलक्ष्मी और देवी लक्ष्मी के बीच का अंतर
जहां देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना गया है, वहीं अलक्ष्मी दरिद्रता, कलह और अशुभता का प्रतीक हैं। अलक्ष्मी उन घरों में प्रवेश करती हैं, जहां:
गंदगी हो।
लोग झगड़ालू और अस्वच्छ हों।
अधर्म और अशुभ कार्य होते हों।
इसके विपरीत, साफ-सुथरे और धार्मिक माहौल वाले घरों में अलक्ष्मी प्रवेश नहीं करतीं।
अलक्ष्मी की पहचान और मान्यताएं
मदिरा से जुड़ाव: कुछ कथाओं में अलक्ष्मी को समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न मदिरा से जोड़ा गया है।
उपरत्नों में स्थान: समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में अलक्ष्मी को स्थान नहीं मिला, लेकिन उन्हें एक उपरत्न के रूप में माना गया।
धन हानि से बचाव के उपाय
देवी अलक्ष्मी के प्रभाव से बचने के लिए:
घर और कार्यस्थल पर साफ-सफाई रखें।
झगड़े और कलह से बचें।
रोजाना भगवान की पूजा-अर्चना करें।
देवी लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर रखें, जिसमें वे कमल पर बैठी हों।
अलक्ष्मी और नींबू-मिर्ची की परंपरा
नींबू-मिर्ची लटकाने की परंपरा अलक्ष्मी से जुड़ी है। तीखी और खट्टी वस्तुएं देवी अलक्ष्मी को प्रिय हैं, और इन्हें दरवाजे पर लटकाने से माना जाता है कि वे घर में प्रवेश नहीं करतीं।
देवी लक्ष्मी की मूर्तियों से जुड़े विशेष नियम
देवी लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति या तस्वीर न रखें, जिसमें वे उल्लू पर बैठी हों।
खड़ी हुई लक्ष्मी की तस्वीर भी अशुभ मानी जाती है।
घर में कमल पर बैठी लक्ष्मी की तस्वीर रखना शुभ होता है।
FAQs
1. देवी अलक्ष्मी कौन हैं?
देवी अलक्ष्मी मां लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं, जिन्हें दरिद्रता और अशुभता की देवी माना जाता है।
2. अलक्ष्मी की पूजा क्यों नहीं की जाती?
अलक्ष्मी दरिद्रता और कलह की प्रतीक हैं, इसलिए उनकी पूजा नहीं की जाती।
3. अलक्ष्मी का जन्म कैसे हुआ?
अलक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था।
4. अलक्ष्मी से बचने के उपाय क्या हैं?
घर में साफ-सफाई रखना, धार्मिकता अपनाना और झगड़ों से बचना अलक्ष्मी से बचने के उपाय हैं।
5. देवी लक्ष्मी की कौन सी तस्वीर शुभ होती है?
कमल पर बैठी हुई देवी लक्ष्मी की तस्वीर शुभ मानी जाती है।